44,212 वर्ग किलोमीटर में फैले हरियाणा में अब अपराध का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है, तो सिपाही से अफसरों के पद खाली पड़े हैं। नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में कुल 1,11,323 मामले दर्ज किए गए। 2020 में यह आंकड़ा 1,03,276 रहा तो 2021 में फिर इसमें उछाल आया। 2021 में कुल 1,12,720 मामले दर्ज किए गए। 2021 में 1112 हत्याएं, 1716 रेप और गैंगरेप, 692 रोबरी 156 डकैती की घटनाएं सामने आई।
साइबर क्राइम का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। 2019 में साइबर क्राइम के 564 केस थे 2020 में 256 जबकि 2021 में यह संख्या 622 हो गई। महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध भी अपराध का ग्राफ ऊपर जा रहा है। 2015 से लेकर 2021 तक 4,500 से अधिक चेन स्नैचिंग और पर्स छीनने की घटनाएं सामने आईं। चिंताजनक तथ्य यह है कि आपराधिक वारदातों को रोकने के लिए प्रदेश के पुलिस बल में बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं। इनमें महिला सिपाहियों के 1272 पद खाली हैं, तो पुरुष सिपाहियों के 12,659 पद रिक्त पड़े हैं।
पुलिस विभाग में पुरुष सिपाहियों के 43706 पद स्वीकृत हैं। इनमें से एक 30047 पद भरे हुए हैं। इसी तरह से मुख्य सिपाही महिला के 249 पद खाली हैं, तो मेल हैड कॉन्स्टेबल के 3,793 पद खाली पड़े हैं। असिस्टैंट सब इंस्पैक्टर मेल के 1448 पद खाली हैं तो सब इंस्पेक्टर फीमेल के 66 पद रिक्त पड़े हैं। इसी तरह से सब इंस्पैक्टर मेल के 992 पद खाली हैं। इंस्पेक्टर फीमेल के 5 जबकि इंस्पेक्टर मेल के 229 पद खाली हैं।
एस.पी. और डी.एस.पी. का भी है टोटा
पुलिस विभाग में अफसरों का भी टोटा बना हुआ है। डी.एस.पी. के 329 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 268 पद भरे हुए हैं और 61 पद खाली हैं। एडीशनल एस.पी. के 35 पद स्वीकृत हैं 29 पद भरे हुए हैं और 6 पद खाली हैं। आई.पी.एस. का भी टोटा लगातार हरियाणा में बना हुआ है। हरियाणा में आई.पी.एस. के कुल 144 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 109 आई.पी.एस. हरियाणा में काम कर रहे हैं यानी 35 आई.पी.एस. अफसरों का टोटा बना हुआ है।