हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आगामी विधानसभा सत्र में राज्य के 1.20 लाख कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा देने की योजना बना रहे हैं। सीएम सैनी, जो पहले ही कर्मचारियों के जॉब सिक्योरिटी के लिए एक अध्यादेश जारी कर चुके हैं, अब विधानसभा सत्र में इसे स्थायी कानून बनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। इस विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद कर्मचारियों को एक मजबूत कानूनी सुरक्षा मिल सकती है।
हरियाणा सरकार ने पहले ही अस्थायी कर्मचारियों की जॉब सिक्योरिटी को लेकर एक अध्यादेश जारी किया था, जिसमें 1.20 लाख अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी को 58 साल तक सुरक्षित रखने की घोषणा की गई थी। इस अध्यादेश की अवधि छह महीने की थी, लेकिन अब सरकार इसे विधानसभा में पेश कर स्थायी कानून बनाने की तैयारी कर रही है। अगर यह विधेयक विधानसभा में पारित हो जाता है, तो राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा, जो कर्मचारियों को लंबी अवधि तक नौकरी की सुरक्षा प्रदान करेगा।
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र 13 नवंबर से शुरू हो रहा है, और इस सत्र में कई अहम विधेयकों पर चर्चा की जाएगी। इन विधेयकों में उन अध्यादेशों को भी शामिल किया जाएगा जो पहले जारी किए गए थे, और जिनका अब विधेयक के रूप में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। इनमें से एक महत्वपूर्ण विधेयक वह है जो कर्मचारियों की जॉब सिक्योरिटी से संबंधित है।
इस विधेयक के तहत, अस्थायी कर्मचारियों को दी गई नौकरी सुरक्षा को स्थायी रूप से सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस विधेयक पर चर्चा के दौरान एक बड़ा ऐलान कर सकते हैं, जिससे कर्मचारियों को उम्मीदें और अधिक बढ़ सकती हैं। यह कदम न केवल कर्मचारियों के लिए एक राहत का कारण बनेगा, बल्कि राज्य सरकार की दिशा को भी स्पष्ट करेगा, जो कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
कई वर्षों से अस्थायी कर्मचारियों की स्थिति को लेकर सरकार पर सवाल उठते रहे हैं, क्योंकि उनकी नौकरी की स्थिरता हमेशा एक बड़ा मुद्दा रही है। मुख्यमंत्री सैनी ने विधानसभा चुनाव से पहले अस्थायी कर्मचारियों के लिए जॉब सिक्योरिटी को एक प्रमुख मुद्दा बनाया था। इसके तहत, जिन कर्मचारियों की नियुक्ति अस्थायी रूप से की गई थी, उनके लिए 58 वर्ष की उम्र तक नौकरी सुरक्षा देने का ऐलान किया गया था।
इस विधेयक के पारित होने के बाद, 1.20 लाख अस्थायी कर्मचारियों को न केवल नौकरी की सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उन्हें काम के दौरान सभी सरकारी लाभ, जैसे पेंशन और अन्य सुविधाएं भी प्राप्त होंगी। इसके अलावा, यह विधेयक राज्य में रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देने के लिए एक अहम कदम साबित होगा। राज्य सरकार की यह पहल कर्मचारी कल्याण को लेकर उसकी गंभीरता और प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
सीएम सैनी की इस घोषणा का राज्य के कर्मचारियों पर सकारात्मक असर पड़ेगा, और इससे प्रदेश में कर्मचारियों के प्रति सरकार की नीतियों पर विश्वास भी बढ़ेगा। कर्मचारियों के बीच जॉब सिक्योरिटी को लेकर लंबे समय से चल रही चिंताओं का समाधान इस विधेयक के पारित होने के बाद हो सकता है।