बिटकॉइन में इन्वेस्टमेंट करने के नाम पर 6 लाख 20 हजार रुपयों की चूना लगाने के मामले में दो आरोपी काबू ।
आरोपी तीन दिन की पुलिस रिमांड पर, निशानदेही पर फ्रॉड की राशि बरामद की जाएगी ।
सिरसा.. जिला की साइबर थाना की एक टीम ने महत्वपूर्ण सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए टेलीग्राम एप के जरिए 6 लाख 20 हजार रुपए का चूना लगाने वाले दो साइबर अपराधियों को काबू करने में बड़ी सफलता हासिल की है।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि बीते दिनों एयर फोर्स में तैनात राजस्थान निवासी विकास कुमार के साथ साइबर अपराधियों ने टेलीग्राम एप के जरिए मैसेज भेज कर बिटकॉइन में पैसे इन्वेस्टमेंट कर कम समय में बड़ा मुनाफा कमाने का झांसा देकर साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया था ।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति ने साइबर अपराधियों के झांसे में आकर अपने अकाउंट की डिटेल को साइबर अपराधियों को शेयर कर दी । साइबर अपराधियों ने पीड़ित व्यक्ति के खाते से 6 लाख 20 हजार रूपए उड़ा दिए । पुलिस अधीक्षक ने बतलाया कि पीड़ित की शिकायत पर 6 नवंबर 2024 को साइबर थाना सिरसा में अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत अभियोग दर्ज का जांच शुरू की गई थी ।
उन्होने बताया कि साइबर थाना की एक विशेष पुलिस टीम ने महत्वपूर्ण सूचना के आधार पर कार्यवाही करते हुए घटना में संलिप्त दो लोगों को राजस्थान क्षेत्र से काबू कर लिया है । गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान बीरबल पुत्र बाबूलाल निवासी सेवाड़ा जिला बाड़मेर राजस्थान व सुरेश कुमार पुत्र पूनम राम निवासन रोहिला जिला बाड़मेर राजस्थान के रूप में हुई है ।
पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों युवकों को अदालत में पेश कर तीन दिन का पुलिस रिमांड हासिल कर अब विस्तार से पूछताछ की जाएगी । पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूल किया है कि वे टेलीग्राम एप के जरिए लोगों को इन्वेस्टमेंट के नाम पर कम समय में बड़ा मुनाफा कमाने का झांसा देकर उनकी अकाउंट डिटेल हासिल कर आगे बेच देते हैं ।
उन्होंने बताया कि आरोपियों से पूछताछ कर घटना में शामिल अन्य आरोपियों के बारे में पता लगाया जाएगा । पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि मामले की जांच जारी है, और इस ठगी के मामले में जो भी व्यक्ति संलिप्त पाया जाएगा उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों की निशानदेही पर साइबर फ्रॉड की राशि बरामद की जाएगी ।