जेल में अब कैदियों को मिलेगी मिठाई और खीर
-अंग्रेजी हुकूमत के जमाने के नियमों पर चली कैंची
हरियाणा की जेलों में अब अंग्रेजों के बनाए नियम और कानून बदलने लगे हैं। ब्रिटिश हुकूमत से चले आ रहे तमाम नियमों को बदलने के बाद अब जेलों की तस्वीर सुधारने की पहल की गई है। इस कड़ी में अब हरियाणा की जेलों में कैदियों के खानपान और भोजन के समय में भी बदलाव किया गया है। पहले कैदियों को सूर्यास्त से पहले शाम साढ़े चार बजे ही भोजन परोस दिया जाता था। अब कैदी सूर्यास्त के बाद भी भोजन कर सकेंगे। गर्मी के मौसम में कैदियों को शाम 7 से 8 बजे और सर्दियों में 6 से 7 बजे भोजन परोसा जाएगा। खास बात यह है कि सप्ताह में 2 दिन कैदियों को मीठी खीर और मिठाइयां भी दी जाएंगी।
दरअसल हरियाणा में जेलों को सुधार ग्रह बनाने की दिशा में हरियाणा के जेल मंत्री चौधरी रणजीत सिंह लगातार पहल कर रहे हैं। इस कड़ी में जहां अंग्रेजों के जमाने के नियम बदले गए हैं। नए नियमों के अंतर्गत हरियाणा की जेलों में 32 प्रकार के सुधारों पर जोर दिया गया है। इससे पहले प्रावधान था कि एक कैदी को सात रोटियां दी जाती थी। अब यह नियम बदल दिया गया है। अब कैदियों को पूरे डाइट और मैन्यू के अनुसार खाना परोसा जाएगा। इसके साथ ही अपराध की कैटेगरी के अनुसार कैदियों को बैरक अलॉट की जाएगी। सामान्य अपराध करने वाले लोगों को गैंगस्टर और कुख्यात बदमाशों से अलग बैरक में रखा जाएगा। अच्छे आचरण वाले कैदियों को जेल के जरिए बाहर काम करने पर भी भेजा जा सकेगा। अब जेलों में कैदियों और बंदी परिजनों से बातचीत के लिए वीडियो कॉलिंग भी कर सकेंगे। इसके लिए सभी जेलों में व्यवस्था की जा रही है। भर्ती किए गए कैदियों के लिए उनके व्यक्तिगत व्यवहार, अध्ययन, स्वास्थ्य जांच आदि के लिए कक्षों की स्थापना का प्रावधान किया गया है।
जेल में बनेगा सालासर बाला जी का प्रसाद
इतना ही नहीं जेलों से अब सालासर या दूसरे धार्मिक संस्थानों के लिए सवामणि का प्रसाद भी ले पाएंगे। भिवानी, नारनौल व हिसार की जेलों में सालासर बाला जी को चढ़ाए जाने वाले सवामणी प्रसाद को तैयार करने का प्रस्ताव है। अब जेल के भीतर ही कैदी प्रसाद तैयार कर सकेंगे और इसके बाद सवामणि का भोग सालासर बालाजी में लगाया जाएगा।
20 जेलों में हैं 26 हजार कैदी और बंदी
दरअसल हरियाणा में अंबाला, हिसार में तीन सैंट्रल जेलों के अलावा कुल 20 जेल हैं। इन जेलों की क्षमता लगभग 23,000 है जबकि वर्तमान में इन जिलों में 26 हजार के करीब कैदी और हवालाती हैं। गुरुग्राम जेल की क्षमता 2,412 करनाल की 2,434 और फरीदाबाद की जेल की क्षमता 2,500 है। हरियाणा में लंबे अरसे से अंग्रेजों के समय से चले आ रहे नियमों को बदलने की मांग की जा रही थी। हरियाणा की जेलों में अब तक पंजाब जेल नियमावली-1894 लागू थी। अब हरियाणा सरकार के नए नोटिफिकेशन के बाद हरियाणा कारगर नियम-2022 लागू हो गए हैं। पिछले साल अक्तूबर महीने में मंत्रिमंडल में इस महत्वपूर्ण फैसले पर मोहर लगाई गई थी।
वर्जन