जयपुर: राजस्थान के 6759 सरपंचों का बढ़ेगा कार्यकाल तो इन 49 शहरों के बोर्ड होंगे भंग! जानें क्या है सरकार की मंशा
जयपुर: राजस्थान के 49 शहरी सरकारों (निकाय) का कार्यकाल इस माह पूरा हो जाएगा। इन निकायों की कमान प्रशासक के हाथ में देने की संभावना बढ़ गई है। सरकार की मंशा एक राज्य-एक चुनाव की है और बोर्ड कार्यकाल पूरा होने से पहले यह संभव नहीं है। ऐसे में चुनाव की बजाय बोर्ड स्वतः भंग हो जाएगा। हालांकि, सरकार कार्यकाल बढ़ाने की संभावना तलाशने का प्रयास कर रही है, लेकिन भारतीय संविधान और राजस्थान नगरपालिका एक्ट में कार्यकाल बढ़ाने का प्रावधान नहीं है। गौरतलब है कि सरकार राजस्थान में वन स्टेट-वन इलेक्शन के तहत नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की संभावना तलाश रही है, लेकिन अभी तक किसी नतीजे पर पहुंचा नहीं जा सका है।
6,759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल भी हो रहा समाप्त:
जनवरी 2025 में समाप्त हो रहे ग्राम पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। इसे लेकर सरकार में मंथन चल रहा है। हालांकि अभी तक सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। जनवरी में 6759 ग्राम पंचायत का कार्यकाल पूरा हो रहा है। नए जिलों पर फैसले के बाद ही ग्राम पंचायतों, पंचायतों और जिला परिषदों का पुनर्गठन होगा। ऐसे में तब तक चुनाव टाले जा सकते हैं।
कार्यकाल बढ़ाने का प्रावधान नहीं:
-भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 में प्रावधान है कि नगरपालिकाओं का कार्यकाल पांच वर्ष के लिए है।
-राजस्थान नगरपालिका अधिनियम धारा 7 में नगरपालिका का कार्यकाल 5 वर्ष होगा, इससे अधिक नहीं।
इन निकायों में कार्यकाल हो रहा खत्म:
ब्यावर, नसीराबाद, टोंक, डीडवाना, पुष्कर, चूरू, मकराना, बीकानेर, राजगढ़, श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, हनुमानगढ़, अलवर, भिवाडी, थानागाजी, महुआ, सीकर, नीमकाथाना, खाटूश्यामजी, झुंझुनूं, बिसाऊ, पिलानी, फलौदी, जैसलमेर, बाडमेर नगरपरिषद, बलोतरा, सिरोही, माउंटआबू, पिण्डवाडा, शिवगंज, पाली, सुमेरपुर, जालौर, भीनमाल, कैथून, सांगोद, छबड़ा, मांगरोल, भरतपुर, रपवास, उदयपुर, कानोड, बांसवाडा, प्रतापपुरीगढ़ी, चितौडगढ़, निम्बाहेडा, रावतभाटा, राजसमंद, आमेट।
प्रशासक नियुक्त हो सकता है:
नगरपालिकाओं में यदि पांच वर्ष की अवधि समाप्त होने से पूर्व चुनाव नहीं कराए जाते हैं तो बोर्ड स्वतः ही भंग हो जाएगा। सरकार चुनाव होने तक प्रशासक की नियुक्ति कर सकती है। कार्यकाल बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है।- अशोक सिंह, विधि विशेषज्ञ
उपचुनाव के बाद ही होगा निर्णय:
सरकार एक राज्य- एक चुनाव की तरफ बढ़ रही है। इस माह जिन निकायों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उसके बारे में विधानसभा उपचुनाव के बाद ही निर्णय होगा।- झाबर सिंह खर्रा, स्वायत्त शासन मंत्री