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कल नहर पर उमड़ेगा एक ‘शहर’
पूर्वांचलियों की आस्था का प्रतीक छठ महोत्सव नहाय-खाय के साथ मंगलवार को शुरु हो गया। 6 नवम्बर को खरना होगा। 7 नवम्बर को अस्तगामी सूर्य देव को अध्र्य दिया जाएगा और 8 नवम्बर को उदयगामी सूर्यदेव को अध्र्य दिया जाएगा। सूर्य देव को अध्र्य देने के लिए दिल्ली पुल स्थित नहर पर व्रतियों का भारी जनसैलाब उमडऩे की उम्मीद है। 4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ हो गई है। छठ पर्व मनाने वाले श्रद्वालुओंं ने बताया कि छठ पर्व को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है और बाजारोंं में भी इसे लेकर रौनक है।
छठ महापर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है। छठ पूजा भगवान सूर्य और छठी मैया को समॢपत पर्व है जोकि काॢतक महीने में षष्ठïी और सप्तमी के दिन मनाया जाता है। 5 नवम्बर सुबह 6:38 से लेकर शाम 5:00 बजे तक नहाए खाए का कार्य पूरा किया गया। इस दौरान घर की साफ सफाई व शुद्वता का ध्यान रखा जाता है। पूजा स्थल पर तैयारियां भी आरंभ कर दी है। दिल्ली पुल स्थित नहर पर छठ पूजा करने वाले परिवारों द्वारा बेदी का निर्माण किया गया है। क्योंकि सभी लोग बेदी इसलिए बनाते है कि उनके पूजा करने का स्थान निश्चित रहे। छठ पर्व के समय नहर पर हजारों की भीड़ होती है।
पूजा में इन चीजों का होता है इस्तेमाल:
बास की टोकरी डाला, बास का सूप, सबूत गन्ना पत्तेदार, सेब, संतरा, मौसमी, पानी वाला नारियल, शरीफ फल, नाशपाती, अनानास, शकरकंदी, सुथनी, केला, जीविकंद पत्तेदार, हल्दी पत्तेदार, मूली पत्तेदार, अदरक पत्तेदार, अक्षत, कुमकुम, अकुरी, अर्थक पात बददी, सूर्ख, सिंदूर, पीला सिंदूर, डाला ढकने का लाल कपड़ा या डिजाइनर कपड़ा, पान का पत्ता, साबूत सुपारी, लौंग इलायची, फूल माला, दीप दिया, घी, अगरबत्ती, माचिस, गुड़, चावल का आटा, कपूर, मीठा नींबू, मिठाई आदि।