विकास: मार्कीटिंग बोर्ड 43 करोड़ से सिरे चढ़ाएगा सिरसा का ड्रीम प्रोजैक्ट
विकास के लिहाज से शहर की तस्वीर में सरकार ने नए रंग भरने की पूरी तैयारी कर ली है। कहा जा रहा है कि जल्द ही इस खींचे गए खाके पर काम भी शुरू हो जाएगा और इसके बाद जहां शहर एक नए रूप में नजर आएगा तो वहीं लोगों को भी काफी सुकून मिलेगा। यहां बात हो रही है शहर में बनने वाली नई अनाज मंडी, लक्कड़मंडी व सब्जी मंडी की। इन तीनों ही मंडियों को लेकर रूपरेखा तैयार हो गई है और मार्किटिंग बोर्ड ने इस पूरे प्रस्ताव पर मुहर लगाने के लिए मुख्यालय भिजवा दिया है। विभाग की ओर से बीते दिवस ही अहम दस्तावेज मुख्यालय भिजवाए हैं और माना जा रहा है कि इस एस्टीमेट रूपी प्रस्ताव पर ‘हस्ताक्षर’ होने के तुरंत बाद ही इस दिशा में आगामी कार्रवाई भी शुरू कर दी जाएगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह कार्य 2 चरणों में होगा। एक अहम तथ्य ये भी है कि सिरसा से बाहर बनने वाली इस अतिरिक्त अनाजमंडी के अलावा सब्जी मंडी और लक्कड़ मंडी का डिजाइन तैयार कर लिया गया है। लगभग 43 करोड़ रुपए में बनने वाली इन तीनों मंडियों के शहर से बाहर हो जाने पर जहां लोगों को काफी राहत मिलेगी तो वहीं शहर में भी भीड़ भाड़ से निजात मिलेगी।
एक साथ ही बनेंगी तीनों मंडियां
चतरगढ़ पट्टी-झोंपड़ा रोड पर नैशनल हाइवे के पास तीनों मंडियों का निर्माण किया जाना है। इसके लिए सरकार की ओर से 56 एकड़ 5 कनाल 2 मरले जगह की खरीद की गई है। जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद ड्रांइग भी तैयार हो चुकी है। इस समय सब्जी मंडी, अनाजमंडी और लक्कड़ मंडी शहर के विभिन्न हिस्सों में हैं। हालांकि अनाजमंडी को शिफ्ट करने की योजना नहीं है, लेकिन अतिरिक्त अनाजमंडी में करीब दौ सौ दुकानों के बनने के बाद काफी कारोबारी यहां से शिफ्ट हो जाएंगे। ऐसे में शहर की सांस में भी सांस आएगी। योजना के अनुसार 33.62 एकड़ में अनाजमंडी का निर्माण किया जाएगा। अनाजमंडी में करीब 207 दुकानें बनाई जाएंगी। वर्तमान मंडियों के लिहाज से यह दुकानों की यह संख्या सबसे अधिक है। इस समय शहर की नई अनाजमंडी में सबसे अधिक 167 दुकानें चल रही हैं। इसी तरह से 10.36 एकड़ में सब्जी मंडी का निर्माण करवाया जाएगा। सब्जी मंडी में 17 बूथ एवं 100 दुकानों का निर्माण किया जाएगा। लक्कड़ मंडी में 18 बूथ बनाए जाएंगे। इस पूरी परियोजनाओं को दो चरणों में पूरा किया जाना है। पहले चरण में सडक़ों का निर्माण करने के अलावा सीवरेज और पानी की लाइन बिछाई जाएगी।
1960 में बनी थी पहली अनाजमंडी
दरअसल सिरसा शहर में इस समय शहर के बीचों-बीच अनाजमंडी, लक्कड़मंडी व सब्जी मंडी है। सिरसा में 1957 से पहले भादरा बाजार में नोहरों के अंदर आढ़त की दुकानें चलती थीं। 1957 में पंजाब संयुक्त स्टेट बोर्ड की ओर से सिरसा में अनाजमंडी की स्थापना की गई और इसके लिए 167 दुकानें एवं 40 बूथ स्वीकृत किए गए। 1960 में आढ़त की दुकानें शुरू हो गईं। आधुनिक संसाधनों एवं हरित क्रांति के प्रभाव के बाद यह दुकानें कम पडऩे लगी। इसके बाद सरकार की ओर से पहले एडीशनल मंडी प्रथम का निर्माण किया गया, जिसमें 49 दुकानें एवं 12 बूथ हैं। बाद में अनाजमंडी द्वितीय में 28 और दुकानों का निर्माण करवाया गया। अराऊंड एडीशनल मंडी में करीब 37 दुकानों का निर्माण करवाया गया। साल 2003 में कपास मंडी का निर्माण करवाया गया, जिसमें करीब 77 दुकानें एवं 90 से अधिक बूथ हैं।
सीजन में पूरा शहर हो जाता है जाम
पूरी मंडी करीब 45 एकड़ में है। आज यहां शहर का एक बड़ा रिहायशी इलाका बन गया है और इसके साथ लगते ए ब्लॉक, बी. ब्लॉक, हाऊङ्क्षसग बोर्ड जैसे इलाकों में हजारों लोग रहते हैं। इसी तरह से रानियां रोड पर सब्जी मंडी है। 4 एकड़ में फैली इस मंडी में करीब 50 दुकानें हैं। वहीं शहर में जगह-जगह चारे की टाल हैं। काठमंडी में भी 100 के करीब दुकानें हैं। इन चारों मंडियों के शहर के रिहायशी इलाके में होने के चलते सिरसा शहर सिकुड़ सा गया है। पूरे शहर में जाम की स्थिति बनना आम है। चारा मंडी की वजह से अक्सर पशु हिंसक हो जाते हैं। इसके अलावा धान, गेहूं के सीजन में पूरा शहर चॉक हो जाता है। गौरतलब है कि सिरसा गेहूं और कॉटन के उत्पादन में पूरे देश में अव्वल हैं। ऐसे में सीजन में मंडी के अलावा साथ लगते रिहायशी इलाकों में गेहूं, कॉटन, धान की ढेरियां लग जाती हैं।
मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
ऐसे में लम्बे समय से अनाजमंडी, सब्जी मंडी, काठ मंडी के सिरसा शहर से बाहर स्थानांतरित करने की जरूरत महसूस हो रही थी। 2016 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस महत्वपूर्ण परियोजना पर अमल करते हुए सिरसा में इस परियोजना को सिरे चढ़ाने की घोषणा की थी। इसके लिए जगह चिह्नित करने की जिम्मेदारी हरियाणा कृषि विपणन मंडल को दी गई। बरनाला रोड के पास जगह को पहले चिह्नित किया गया था, लेकिन वो सिरे नहीं चढ़ी।