रूस और यूक्रेन की जंग सालों से चल रही है। यह जंग कब खत्म होगी, यह कहना भी मुश्किल है। इसमें एक तरफ रूस है, जो यूक्रेन को बर्बाद करने की कसम खाई बैठा है, तो दूसरी तरफ यूक्रेन है, जो रूस के सामने आखिरी सांस तक खड़े रहने का दम दिखा रहा है।
पुतिन का परमाणु अभ्यास
अब इस मामले में एक बड़ी खबर यह है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने परमाणु बलों को विशेष अभ्यास शुरू करने का आदेश दे दिया। यह दो हफ्तों में दूसरी बार है जब पुतिन ने ऐसा सैन्य अभ्यास शुरू करने को कहा। इस खबर के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि अब शायद कुछ ऐसा होने वाला है जिसका अंदाजा भी नहीं था।
जानकारी के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश की न्यूक्लियर फोर्स को अचानक युद्ध अभ्यास शुरू करने का आदेश दे दिया है, जिसके बाद से कई देशों में खलबली का माहौल है। यूक्रेन में युद्ध के बीच मास्को के परमाणु शक्ति के प्रदर्शन को पश्चिमी देशों के लिए चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है।
पुतिन ने यूक्रेन में जंग के दौरान बार-बार परमाणु हथियारों का उपयोग करने की धमकी दी है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इनका उपयोग आखिरी उपाय के रूप में ही किया जाएगा, यानी कि इनका इस्तेमाल एन वक्त पर होगा।
पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया
पश्चिमी देशों के नेतृत्व वाली नाटो गठबंधन अब भी इस बढ़ते तनाव से निपटने के तरीकों को लेकर अनिश्चित है। तनाव तब और बढ़ा जब अमेरिका सहित पश्चिम देशों ने यूक्रेन को लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें उपलब्ध कराने की योजना बनाई, ताकि वह रूस के अंदर गहरे क्षेत्र तक निशाना बना सके।
रूस ने पश्चिम को अब साफ तौर पर चेताया है कि अगर यूक्रेन ने पश्चिम समर्थन के साथ इस तरह का कोई भी कदम उठाया, तो वह अपनी रक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा। क्रेमलिन ने अपनी परमाणु नीति को अपडेट किया है, जिसमें यह साफ है कि पुतिन की स्वीकृति से यह नीति गैर परमाणु देशों के खिलाफ भी लागू हो सकती है।
रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अभ्यास में न्यूक्लियर एंड ट्रायड शामिल था, जिसमें जमीन, समुद्र और हवा से मिसाइलें दाग गईं। अभ्यास में हजारों किलोमीटर दूर तक हमला करने वाली मिसाइलों को शामिल किया गया। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम यार्स मिसाइल भी इसका हिस्सा थी, जिसे रूस के सबसे खतरनाक हथियारों में से एक माना जाता है।
यार्स मिसाइल जमीन से हमला करने वाले रूस की स्ट्रेटेजिक न्यूक्लियर फोर्स का मुख्य हिस्सा है। पुतिन ने जोर देते हुए कहा कि परमाणु शस्त्रागार देश की संप्रभुता और सुरक्षा की विश्वसनीय गारंटी बना हुआ है। बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और उभरते नए खतरों और जोखिम को ध्यान में रखते हुए हमारे लिए आधुनिक रणनीतिक बलों का होना काफी जरूरी है, जो हमेशा इस जंग के लिए तैयार रहे।
पुतिन ने यह रिपीट किया कि रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का अंतिम उपाय मानता है। बहरहाल, देखना होगा कि आखिर अब इस मामले में अगली बड़ी अपडेट क्या होगी।