पुरुषों में 2024 में तीसरा मुख्य कंैसर का कारण बना प्रोस्टेट कैंसर: डा. आशीष गुप्ता
सिरसा। अंतर्राष्ट्रीय प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता माह के तहत एक प्रेस बयान में स्पर्श अस्पताल के संचालक डा. आशीष गुप्ता ने कहा कि भारत में पिछले कुछ समय से प्रोस्टेट के कैंसर के केसों में काफी ज्यादा इजाफा देखा गया है। जहां आज से 15 साल पूर्व प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में 7वां मुख्य कैंसर था, वहीं अब 2024 में तीसरा मुख्य कारण बन गया है। डा. गुप्ता ने बताया कि प्रोस्टेट पुरुषों में पाई जाने वाली एक ग्रंथि होती है, जो कि पेशाब के रास्ते के पास होती है।
उम्र बढऩे के साथ-साथ कुछ पुरुषों में प्रोस्टेट की ग्रंथि भी बढऩे लगती है, जिससे की पुरुषों में पेशाब की समस्या आती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अनुसंधान के मुताबिक भारत में करीब 41 हजार रजिस्ट्रड प्रोस्टेट कैंसर के मरीज हैं , जो 2040 तक 70 हजार के पार हो जाएंगे, जोकि खासा चिंता का विषय है।
इतनी तेज रफ्तार से बढऩे के बाद भी जनता में इसके प्रति जागरूकता नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका प्रमुख कारण है स्क्रीनिंग की कमी। अमेरिका में पर्याप्त स्क्रीनिंग के कारण प्रोस्टेट कैंसर जल्द व कम स्टेज पर पकड़ में आ जाता है, वहीं भारत में स्क्रीनिंग के अभाव में करीब 42 प्रतिशत मरीजों में जब तक प्रोस्टेट कैंसर का पता चला है, वो शरीर में फैल चुका होता है, यानि स्टेज-4 में होता है। डा. गुप्ता ने कहा कि स्क्रीनिंग एक बहुत ही सरल व सस्ता तरीका है, जिससे प्रोस्टेट कैंसर को जल्दी पकड़ा जा सकता है।
प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग यूरोलॉजिस्ट से करवा सकते हैं। इसके 2 चरण होते हैं , जिसमें एक पीएसए टेस्ट होता है, जोकि रक्त का टेस्ट है और दूसरा प्रोस्टेट का, गुदा द्वारा चैकअप, जोकि यूरोलॉजिस्ट करता है। केवल इन दो जांच से ही 80 से 85 प्रतिशत मामलों में कैंसर का पता चल जाता है।
जल्दी पता लगने पर समय रहते उपचार शुरू कर दिया जाए तो रोगी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 15 मिनट की जांच जीवनके 15 साल बढ़ा सकती है। इसलिए 50 साल से अधिक आयु के पुरुष को साल में कम से कम एक बार अपनी यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेकर जांच करवानी चाहिए, ताकि समय रहते बिमारी का पता लगाया जा सके।