हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हाई पावर परचेज कमेटी (HPPC) की बैठक में 2050 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इस बैठक में 49 एजेंडे पेश किए गए, जिनमें से 45 को मंजूरी मिली। इन परियोजनाओं का उद्देश्य हरियाणा में जलापूर्ति, सीवरेज प्रबंधन, सड़क सुधार, और सार्वजनिक परिवहन को मजबूती प्रदान करना है।
जलापूर्ति एवं सीवरेज परियोजनाएं: 729 करोड़ रुपये का निवेश
बैठक में जलापूर्ति और सीवरेज प्रबंधन के लिए 729 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। प्रमुख योजनाओं में जींद शहर के लिए 60 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट शामिल है, जिसकी अनुमानित लागत 90 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, रेवाड़ी जिले के 7 गांवों में 15 करोड़ रुपये की लागत से नहर आधारित जलापूर्ति योजना और पलवल और नूंह जिलों में 96.95 करोड़ रुपये की लागत से रेनीवेल निर्माण भी शामिल हैं। इन योजनाओं से जलापूर्ति में काफी सुधार आने की संभावना है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के नागरिकों को पीने के साफ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।
अन्य प्रमुख जल और सीवरेज परियोजनाएं
गांव बहल में जलापूर्ति योजना का विस्तार और महाग्राम योजना के तहत गांव मालब (नूंह) में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना।
फिरोजपुर झिरका में ट्यूबवेल ड्रिलिंग, भूमिगत टैंक, और पंपिंग मशीनरी की स्थापना, जिसका उद्देश्य जलापूर्ति बढ़ाना है।
भट्टू कलां में 4 एमएलडी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और गन्नौर में 3 एमएलडी डब्ल्यूटीपी का निर्माण।
गुरुग्राम में 250 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी
गुरुग्राम मेट्रो विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के लिए 250 करोड़ रुपये की लागत से 11 परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है 16.40 करोड़ रुपये की लागत से केंद्रीकृत एकीकृत जल प्रबंधन प्रणाली की स्थापना। इसके तहत जल वितरण को बेहतर और कुशल बनाने का प्रयास किया जाएगा। इस योजना के लागू होने से गुरुग्राम के विभिन्न इलाकों में पानी की आपूर्ति में सुधार आने की उम्मीद है।
सड़क और सार्वजनिक परिवहन सुधार: 174 किलोमीटर सड़क मार्ग का पुनर्निर्माण
राज्य के सड़क नेटवर्क को सुधारने के लिए 174 किलोमीटर के छह प्रमुख सड़कों के पुनर्निर्माण और मरम्मत कार्यों को मंजूरी दी गई है। इनमें विशेष रूप से द्वारका एक्सप्रेसवे से आईएमटी मानेसर तक का मार्ग और दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से इफको चौक तक महरौली रोड का पुनर्निर्माण शामिल है। इसके अलावा, गुरुग्राम के सेक्टर 58 से 67 तक सर्विस रोड का पुनर्निर्माण भी प्रस्तावित है। इन सड़कों के पुनर्निर्माण से न केवल यात्रा समय में कमी आएगी, बल्कि ट्रैफिक की समस्याओं का भी समाधान होगा।
बस डिपो और क्यू शेल्टर का निर्माण
गुरुग्राम में ई-बसों के लिए एक बस डिपो का विकास किया जाएगा, जिसमें सेक्टर 48 को इसका मुख्य केंद्र बनाया जाएगा। इसके अलावा, सेक्टर 68 से 95 में 19.73 करोड़ रुपये की लागत से बस क्यू शेल्टर का निर्माण और द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ सेक्टर 99 से 115 में बस क्यू शेल्टर का विकास भी शामिल है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को अधिक सुविधाजनक और सुलभ बनाना है, जिससे यात्री आसानी से यात्रा कर सकें।
जगाधरी-यमुनानगर क्षेत्र में 19.50 एमएलडी क्षमता वाले अपशिष्ट उपचार संयंत्र का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य औद्योगिक अपशिष्ट और सीवेज के उचित प्रबंधन को सुनिश्चित करना है। यह कदम पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है और इससे यमुना नदी के आसपास के क्षेत्रों की सफाई में भी सुधार होगा।