हरियाणा सरकार द्वारा बेसहारा बच्चों की सहायता के लिए एक प्रभावी योजना शुरू की गई है, जिसके तहत पात्र बच्चों को 1850 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे बच्चों की आर्थिक मदद करना है, जो अपने माता-पिता से वंचित हैं या जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम है।
कौन-कौन हैं इस योजना के पात्र?
हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं सहकारिता विभाग द्वारा संचालित इस योजना का लाभ उन बच्चों को मिलता है जो 21 वर्ष की आयु तक इस योजना के अंतर्गत आते हैं। इन पात्र बच्चों में शामिल हैं:
माता-पिता के देहांत के कारण बेसहारा हुए बच्चे।
वे बच्चे जिनके माता-पिता पिछले 2 वर्षों से घर से अनुपस्थित हैं।
माता-पिता जो एक वर्ष या उससे अधिक की सजा काट रहे हैं।
शारीरिक या मानसिक विकलांगता के कारण अपने बच्चों की देखभाल नहीं कर पाने वाले माता-पिता के बच्चे।
इन बच्चों के माता-पिता या अभिभावकों की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
हरियाणा सरकार की मदद से मिलेगी राहत
डीसी उत्तम सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार ने इस योजना के तहत एक परिवार में अधिकतम दो बच्चों के लिए प्रति बच्चा 1850 रुपये मासिक सहायता का प्रावधान किया है। इस योजना का उद्देश्य बेसहारा बच्चों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना और उनके जीवन स्तर को सुधारना है।
जरूरी दस्तावेज क्या हैं?
निराश्रित प्रमाण पत्र: यह प्रमाण पत्र यह दर्शाता है कि बच्चा बेसहारा है।
जन्म प्रमाण पत्र: बाल स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किया गया।
हरियाणा निवासी प्रमाण पत्र: आवेदक को यह साबित करना होगा कि वह पिछले 5 वर्षों से
हरियाणा का निवासी है। इसके लिए वोटर कार्ड, राशन कार्ड आदि दस्तावेजों की स्व-सत्यापित फोटोकॉपी जमा करनी होगी।
परिवार पहचान पत्र: परिवार की पहचान के लिए यह अनिवार्य दस्तावेज है।
आवेदन प्रक्रिया: सरल केंद्रों पर करें आवेदन
डीसी ने बताया कि योजना का लाभ लेने के इच्छुक आवेदक अपने नजदीकी अंत्योदय सरल केंद्र, अटल सेवा केंद्र या सीएससी सेंटर में आवेदन कर सकते हैं। आवेदक के पास अगर सभी जरूरी दस्तावेज नहीं हैं तो वह 5 वर्ष हरियाणा में निवास करने का शपथ पत्र प्रस्तुत कर सकता है। साथ ही, जिनके माता-पिता या अभिभावक पहले से ही किसी सरकार से पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, वे इस योजना के पात्र नहीं होंगे।