हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी परिवार पहचान पत्र (PPP) योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं। कम उम्र के लोगों की उम्र में हेरफेर कर उन्हें बुढ़ापा पेंशन दिलवाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस मामले में प्रदेश के कई सामाजिक संगठनों ने सीबीआई जांच की मांग की है, ताकि इस धांधली के असली दोषियों को कानून के कटघरे में लाया जा सके।
गांवों में 6000 से 8000 रुपये लेकर बनवाई जा रही पेंशन
सामाजिक संगठनों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में नूंह जिले के दर्जनों गांवों का जिक्र किया है, जहां गरीबों से 6000 से 8000 रुपये लेकर पेंशन बनवाने का काम किया जा रहा है। मामले में आरोप लगाया गया है कि 47 गांवों के लगभग 427 लोग, जिनकी उम्र 45 से 55 वर्ष है, उन्हें पिछले एक साल से पेंशन मिल रही है। इस पूरे मामले में 32 कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) के कर्मचारियों की संलिप्तता का शक है।
गंभीर आरोप: कर्मचारियों ने आयु में हेरफेर कर बनाई पेंशन
इन कॉमन सर्विस सेंटर्स से जुड़े कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने परिवार पहचान पत्र योजना में लोगों की उम्र में हेरफेर करके उनकी पेंशन बनाई। इसके अलावा, 17 गांवों के 36 लोगों पर भी यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने गरीब लोगों से पैसे लेकर गलत तरीके से पेंशन बनवाने का काम किया।
समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों पर भी सवाल
नूंह जिला समाज कल्याण और अधिकारिक सेवा न्याय विभाग के कुछ कर्मचारी भी इस मामले में सवालों के घेरे में हैं। गांव उलेटा के एक शिकायतकर्ता, जाबिद ने आरोप लगाया है कि परिवार पहचान पत्र में लोगों की आय घटाकर उन्हें बीपीएल राशन कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है।
अखिल भारतीय शहीदाने सभा ने उठाया मुद्दा
इस मामले को सबसे पहले अखिल भारतीय शहीदाने सभा ने उजागर किया। संगठन का आरोप है कि जिले के साकरस, महूं, भादस, उलेटा, जैताका, सांठावाड़ी, नगीना, चंदेनी, उमरा, मरोड़ा, पिनगवां, पुनहाना, तावडू, और फिरोजपुर झिरका जैसे गांवों में बड़ी संख्या में 45-55 साल के लोगों की पेंशन बनाई गई है। इसके साथ ही, 32 कॉमन सर्विस सेंटर्स की पहचान की गई है, जहां बिना किसी ठोस सबूत के उम्र में फेरबदल कर पेंशन बनाई जा रही है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने की जांच की पुष्टि
नूंह के अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें परिवार पहचान पत्र में आय घटाकर बीपीएल राशन कार्ड बनाने की शिकायत प्राप्त हुई है। इस मामले की जांच जारी है, और आरोप साबित होने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सीबीआई जांच की मांग और सरकार पर सवाल
सामाजिक संगठनों ने इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग की है ताकि सच सामने आ सके। इस तरह की घटनाएं न केवल गरीबों के साथ धोखाधड़ी हैं बल्कि सरकार की योजनाओं के दुरुपयोग को भी दर्शाती हैं। इन आरोपों के बाद हरियाणा सरकार की ईमानदारी और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।