हरियाणा के किसानों के लिए यह राहत भरी खबर है। राज्य में डीएपी खाद की कमी से जूझ रहे किसानों को केंद्र सरकार की ओर से बड़ी मदद मिली है। हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री नायब सैनी के आग्रह पर केंद्र की मोदी सरकार ने हरियाणा को 1.10 लाख मीट्रिक टन डीएपी खाद उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसमें से 40 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की पहली खेप हरियाणा के लिए रवाना की जा चुकी है और यह 7 नवंबर को राज्य में पहुंच जाएगी। इसके बाद शेष 70 हजार मीट्रिक टन डीएपी की दूसरी खेप 17 नवंबर तक हरियाणा को मिलने की संभावना है।
इस समय हरियाणा में खरीफ फसल का सीजन समाप्त हो चुका है, और रबी सीजन की शुरुआत हो रही है। रबी फसलों में सबसे प्रमुख गेहूं की फसल की बिजाई के समय डीएपी खाद की आवश्यकता होती है। लेकिन पिछले कुछ समय से राज्य में डीएपी खाद की भारी कमी देखने को मिल रही है। किसानों का कहना है कि बिना डीएपी खाद के गेहूं की बिजाई करना संभव नहीं है, क्योंकि यह खाद फसल के शुरुआती विकास में अहम भूमिका निभाता है।
खाद की कमी के चलते किसानों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई किसान मंडियों में डीएपी खाद के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है। कुछ जगहों पर डीएपी खाद उपलब्ध है, लेकिन वहां किसानों को घंटों लंबी कतारों में खड़े रहना पड़ रहा है। कई दुकानों पर किसानों से डीएपी खाद के साथ अन्य कीटनाशक दवाएं खरीदने का दबाव भी बनाया जा रहा है, जिससे किसानों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि रबी फसलों, खासकर गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए डीएपी खाद का समय पर मिलना बेहद जरूरी है। इस खाद की कमी से किसानों की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार द्वारा खाद उपलब्ध कराना एक अच्छा कदम है। कई किसानों ने इस निर्णय की सराहना की और उम्मीद जताई कि सरकार भविष्य में भी उनकी जरूरतों का ध्यान रखेगी।
हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि खाद की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली इस खाद की खेप से राज्य में किसानों को राहत मिलेगी और डीएपी की कमी से हो रही परेशानी दूर हो सकेगी। सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को खाद समय पर मिले, ताकि वे अपनी फसल की बिजाई कर सकें और कृषि में आ रही परेशानियों का सामना न करना पड़े।