खेत से लेकर बाजार में आफत बने बेहसारा पशु
खेती में अव्वल सिरसा जिला रक्तदान और नेत्रदान के साथ गौसेवा का पाठ भी पढ़ा रहा है। रक्तदान में यह जिला अव्वल है। सबसे अधिक गेहूं, नरमा और फलों का उत्पादन सिरसा में होता है। गौसेवा का यह उजला पक्ष है कि सिरसा में सबसे अधिक 135 गौशालाएं हैं। इन गौशालाओं में 55 हजार से अधिक गौवंश का पालन किया जा रहा है। तस्वीर का धूंधला पहलू यह है कि सडक़ों पर भी 7 हजार से अधिक बेसहारा पशु हैं। ये बेसहारा पशु सडक़ों पर विचरने को विवश हं।ै
सिरसा को संतो की नगरी कहा जाता है। संतों की नगरी में गौवंश कूड़े में मुंह मारने के अलावा पॉलीथिन खाने को भी मजबूर है। इसके साथ ही बेसहारा पशुओं के चलते सडक़ हादसे हो रहे हैं। इन सडक़ हादसों में लोगों की जान जा रही है और लोग घायल हो रहे हैं। इसके साथ ही शहरों में यह पशु जाम का कारण बन रहे हैं खेतों में यह पशु अन्नदाता के लिए आफत बने हुए हैं।
दरअसल सिरसा जिला में करीब 135 पंजीकृत गौशालाएं हैं। इन गौशालाओं में करीब 55,835 गौवंश का पालन किया जा रहा है। पशुगणना की रिपोर्ट के अनुसार सिरसा जिला में घरों में भी 2 लाख 35 हजार गौवंश का पालन हो रहा है। यह आंकड़ा भी प्रदेश में सबसे अधिक है। बावजूद इसके सडक़ों पर बेसहारा गौवंश की संख्या साल-दर-साल बढ़ रही है। बेहसारा गौवंश के चलते सबसे अधिक समस्या स्कूली बच्चों को होती है। अक्सर ये पशु उग्र हो जाते हैं। आने-जाने वाले लोगों पर हमला कर देते हैं। यहां तक कि कई बार बाजारों में भगदड़ मचा देते हैं।
पंजाब और राजस्थान से छोड़ जाते हैं बेसहारा पशु
हरियाणा के अनेक जिलों की सीमाएं पंजाब व राजस्थान के साथ लगती हैं। राजस्थान से काफी संख्या में पशुपालक पशुओं को हरियाणा में छोड़ देते हैं। सिरसा की भौगोलिक तस्वीर की वजह से सिरसा में सबसे अधिक बेसहारा पशु है। हर साल यहां 5000 बेसहारा पशु बढ़ रहे हैं। आज से करीब एक दशक भर पहले सिरसा में लगभग 50 गौशालाएं थीं। अब गौशालाओं की संख्या 135 हो गई है। बावजूद इसके सडक़ों पर बेसहारा गोवंश भी नजर आता है। सिरसा पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों से सटा हुआ है। राजस्थान और पंजाब से काफी किसान यहां पर रात और दिन के समय पशु छोड़ जाते हैं।
हर साल हो रहे हैं 700 सडक़ हादसे
हरियाणा में बेसहारा गौवंश के चलते हर साल लगभग 700 सडक़ हादसों में 200 लोगों की मौत हो रही है। इन हादसों में लगभग 600 लोग घायल हो रहे हैं। हरियाणा विधानसभा के पटल पर रखी एक जानकारी के अनुसार 2017 से लेकर जुलाई 2022 तक हरियाणा में 3,383 सडक़ हादसे बेसहारा गोवंश की वजह से हुए इन हादसों में 919 लोगों की मौत हो गई, जबकि 3,017 लोगों घायल हो गए। वहीं गौशालाओं को दिए जाने वाले सरकारी अनुदान की बात करें तो इससे गौशालाएं चलाना मुनासिब नहीं है। साल 2020-21 में गौशालाओं को सरकार की ओर से 17 करोड़ 75 लाख रुपए, 2021-22 में 29 करोड़ 50 लाख रुपए, जबकि 2022-23 में 13 करोड़ 50 लाख रुपए का अनुदान दिया गया। हरियाणा में लगभग 569 गौशाला पंजीकृत हैं, जिनमें लगभग तीन लाख से अधिक गौवंश को आश्रय दिया हुआ है।
जाम का बनते हैं कारण
ङ्क्षचता की बात ये है कि सिरसा शहर में पहले से ही ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल हो रही है। इसके साथ ही बेसहारा पशु भी हादसों के अलावा जाम का कारण बनते हैं। शहर में बेसहारा पशुओं की तादाद दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। शहर की लगभग सभी सडक़ों पर बेसहारा पशु घूमते रहते हैं। इसके चलते वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्रशासन द्वारा शहर को स्ट्रे कैटल फ्री बनाने की बात कही जा रही है, लेकिन धरातल पर यह दावे धूमिल नजर आ रहे हैं। ये बेसहारा पशु जाम का कारण भी बनते हैं। दादरी में अतिक्रमण व वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण सडक़ों पर पहले ही जाम के हालात बने रहते हैं। लेकिन सडक़ों पर मंडराने वाले बेसहारा पशु भी जाम का बड़ा कारण बनते जा रहे हैं।
किसान हैं सबसे अधिक परेशान
हरियाणा में बेसहारा पशुओं के कारण किसान सबसे अधिक परेशान हैं। बेसहारा पशु अक्सर खेतों में घुस जाते हैं और किसानों की फसल खराब कर देते हैं। किसानों को इन पशुओं से अपनी फसल को बचाने के लिए दिन-रात खेतों में पहरा देना पड़ता है। अनेक बार तो बेसहारा पशुओं को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान आमने-सामने भी हो चुके हैं। कुछ वर्ष पहले भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी। सिरसा जिला के पंजाब के साथ सटे गांवों में पंजाब के पशुपालकों ने बेसहारा पशु छोड़ दिए थे। इसके बाद टकराव की स्थिति बन गई थी। जिला के कई गांव में भी आवारा पशुओं को लेकर लोग आमने-सामने होते रहे हैं।
हरियाणा में गौवंश एक नजर में
कुल पंजीकृत गौशालाएं 629
गौवंश 4,41,492
गौसेवा आयोग का बजट 50 करोड़
गौशालाओं को सहायत 27 करोड़
घरों में गौवंश 19,32,034
कहां कितनी गौशालाएं व गौवंश?
जिला गौशालाएं गौवंश
अंबाला 12 5,873
भिवानी 40 26,217
दादरी 14 5,090
फरीदाबाद 10 4,816
फतेहाबाद 67 38,771
गुरुग्राम 15 19,668
हिसार 57 51,349
झज्जर 14 16,754
जींद 42 31,015
कैथल 20 25,944
करनाल 24 13,987
कुरुक्षेत्र 28 9,810
नारनौल 21 21,380
नूंह 10 7,254
पलवल 15 6,358
पंचकूला 13 5,294
पानीपत 28 21,313
रेवाड़ी 11 5234
रोहतक 13 22,032
सिरसा 135 55,835
सोनीपत 31 41,008
यमुनानगर 8 2,450
कुल 629 4,41,492